गूगल, फेसबुक भारत के नियमों के अनुसार अपडेट करने लगे वेबसाइट

हिंदी न्यूज़ गूगल, फेसबुक भारत के नियमों के अनुसार अपडेट करने लगे वेबसाइट, अब तक इन कंपनियों ने दिया ब्‍यौरा |

गूगल और फेसबुक ने नए इंटरनेट मीडिया नियमों के हिसाब से अपनी वेबसाइट को अपडेट करना शुरू कर दिया है।

गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी डिजिटल कंपनियों ने भारत के नए इंटरनेट मीडिया नियमों के हिसाब से शिकायत अधिकारी की नियुक्ति समेत अन्य जानकारी सार्वजनिक करने के उद्देश्य से अपनी वेबसाइट को अपडेट करना शुरू कर दिया है।

 गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी डिजिटल कंपनियों ने भारत के नए इंटरनेट मीडिया नियमों के हिसाब से शिकायत अधिकारी की नियुक्ति समेत अन्य जानकारी सार्वजनिक करने के उद्देश्य से अपनी वेबसाइट को अपडेट करना शुरू कर दिया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार गूगल, फेसबुक और वाट्सएप जैसी बड़ी कंपनियों ने नए डिजिटल नियमों के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) मंत्रालय के साथ ब्योरा साझा किया है। हालांकि ट्विटर अब भी नियमों का अनुपालन नहीं कर रही है।

नए नियमों के तहत प्रमुख इंटरनेट मीडिया कंपनियों को शिकायत निपटान अधिकारी, नोडल अधिकारी और मुख्य परिचालन अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है। प्रमुख इंटरनेट मीडिया कंपनियों की श्रेणी में वे मंच आते हैं, जिनके उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है।

सूत्रों ने कहा कि फेसबुक और वाट्सएप पहले ही अनुपालन रिपोर्ट इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्रालय के साथ साझा कर चुकी हैं। नए शिकायत अधिकारियों की नियुक्ति के बारे में जानकारी इन मंचों पर अपडेट की जा रही है। गूगल ने कांटैक्ट अस पेज पर जो ग्रियर का नाम दिया है। उनका पता माउंटेन व्यू अमेरिका का है। इस पृष्ठ पर यूट्यूब के लिए शिकायत निपटान व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी गई है।

नियमों के अनुसार सभी इंटरनेट मीडिया कंपनियों को अपनी-अपनी वेबसाइट, एप या दोनों पर शिकायत निपटान अधिकारी और उनके पते के बारे में जानकारी देनी है। साथ ही शिकायत के तरीके को बताना है जिसके जरिये उपयोगकर्ता या पीड़ित अपनी शिकायत कर सकें।

उल्‍लेखनीय है कि फेसबुक के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफार्म वाट्सएप ने पहले ही अपनी नई प्राइवेसी पालिसी स्वीकार नहीं करने वाले यूजर्स की सेवाएं सीमित करने के फैसले को वापस ले लिया है। इस महीने के शुरू में वाट्सएप ने कहा था कि अगर यूजर्स 15 मई तक उसकी नई प्राइवेसी पालिसी स्वीकार नहीं करते हैं तो उनके फीचर में धीरे-धीरे कटौती कर दी जाएगी। इस मामले में फेसबुक का कहना है कि नई नीति नहीं मानने वाले यूजर्स की सेवाओं को भी सीमित नहीं किया जाएगा।

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