Every man’s path to prosperity will be opened, work will be done to make the population efficient.

हर आदमी की खुशहाली का खुलेगा रास्ता, आबादी को हुनरमंद बनाने की दिशा में काम

दुनिया के कई देशों में कुशल और हुनरमंद श्रम की जबरदस्त मांग है। भारत को वे ललचाई नजरों से देखते हैं। ऐसे में देश को जरूरत है आबादी को हुनरमंद बनाने की दिशा में कदम और आगे बढ़ाने की जिस पर काम हो रहा है।

हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश हैं, लेकिन युवा और कार्यकारी आबादी के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ हैं। अभी ही कई देशों के मूलभूत श्रम और प्रतिभा जरूरतों की पूर्ति भारतीय कर रहे हैं। अपनी मेधा और परिश्रम से उस देश के साथ अपने राष्ट्र का भी विकास कर रहे हैं। इसलिए ये बड़ी और कार्यशील आबादी हमारे लिए किसी संपत्ति सरीखी है। बस जरूरत इस आबादी को हुनरमंद बनाने की व हर हाथ को उसके लायक काम देने की है। इस दिशा में सरकारों की कई योजनाएं रंग ला रही हैं। देश में बढ़ती स्टार्टअप की संख्या इसकी बानगी है। आबादी के बड़े हिस्से को कुशल बनाने की कई उम्मीदें इस साल परवान चढ़ती दिख रही हैं।

आबादी को हुनरमंद बनाने की दिशा में काम। 

दुनिया के कई देशों में कुशल और हुनरमंद श्रम की जबरदस्त मांग है। भारत को वे ललचाई नजरों से देखते हैं। ऐसे में देश को जरूरत है आबादी को हुनरमंद बनाने की दिशा में कदम और आगे बढ़ाने की जिस पर काम हो रहा है।

हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश हैं, लेकिन युवा और कार्यकारी आबादी के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ हैं। अभी ही कई देशों के मूलभूत श्रम और प्रतिभा जरूरतों की पूर्ति भारतीय कर रहे हैं। अपनी मेधा और परिश्रम से उस देश के साथ अपने राष्ट्र का भी विकास कर रहे हैं। इसलिए ये बड़ी और कार्यशील आबादी हमारे लिए किसी संपत्ति सरीखी है। बस जरूरत इस आबादी को हुनरमंद बनाने की व हर हाथ को उसके लायक काम देने की है। इस दिशा में सरकारों की कई योजनाएं रंग ला रही हैं। देश में बढ़ती स्टार्टअप की संख्या इसकी बानगी है। आबादी के बड़े हिस्से को कुशल बनाने की कई उम्मीदें इस साल परवान चढ़ती दिख रही हैं।

स्किल इंडिया

देश की श्रम शक्ति को हमेशा शिकायत रही है कि उसे उचित पारिश्रमिक नहीं मिलता। इसके विपरीत नियोक्ताओं को यह शिकायत रही है कि उन्हें कुशल श्रम शक्ति नहीं मिलती। इन शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार ने कौशल विकास योजना की शुरुआत की। योजना के तहत निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, खाद्य प्रसंस्करण, फर्नीचर और फिटिंग, हैंडीक्राफ्ट, जेम्स एवं ज्वेलरी और लेदर टेक्नोलॉजी जैसे करीब 40 क्षेत्रों में इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत देशभर में 22,550 प्रशिक्षण केंद्र खोले जा चुके हैं। वर्ष 2016 से दिसंबर, 2024 तक 34.17 लाख से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीयन करवाया। 33.62 लाख से ज्यादा लोग प्रशिक्षित हुए। सरकार ने वर्ष 2024 तक 40 करोड़ से अधिक लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है। इस दृष्टि से नया साल काफी अहम होगा।

रोजगारोन्मुख शिक्षा

सरकार ने रोजगारोन्मुख शिक्षा की पहल की है। इसके तहत व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति के अमल में आने के बाद देश की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव होंगे। वर्ष 2024 के आंकड़ों के अनुसार, देश में 16.3 फीसद स्नातक, 14.2 प्रतिशत स्नातकोत्तर, 11.3 फीसद सर्टिफिकेट धारक व 11.1 प्रतिशत डिप्लोमा धारकों के पास रोजगार नहीं था। नई शिक्षा नीति शिक्षित बेरोजगारों की संख्या को न्यूनतम करने में मददगार साबित होगी, क्योंकि इसमें व्यावसायिक व रोजगारोन्मुख शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है।

स्वयं सहायता समूह

वर्ष 1970 के आसपास बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस ने स्वयं सहायता समूह की बुनियाद रखी। भारत ने वर्ष 1980 में इस संकल्पना को अपनाया, लेकिन इसे उतना प्रोत्साहन नहीं मिला जितना जरूरी था। बाद में सरकार को यह बात समझ में आई तो उसने समूहों को आर्थिक मदद और प्रोत्साहन देना शुरू कर दिया। आज देश में 63 लाख स्वयं सहायता समूह हैं। कोरोना संक्रमण की महामारी के दौरान ये स्वयं सहायता समूह काफी उपयोगी साबित हुए हैं। इन्होंने देश में मास्क व सैनिटाइजर की कमी नहीं होने दी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्यों को हासिल करने में ये समूह काफी मददगार साबित हो सकते हैं। जानकारों का मानना है कि सरकार भी स्वयं सहायता समूहों की मदद में इजाफा कर सकती है।

स्टार्टअप

युवाओं ने अपनी और देश की तरक्की के लिए स्टार्टअप के रूप में नया रास्ता तलाशा है। वर्ष 2014 में देश में महज 3,000 स्टार्टअप हु |

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