Father’s Hindi Quotes – कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, कभी

Father’s Hindi Quotes – 

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता,

जन्म दिया है अगर माँ ने,
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता,

कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखता है पिता,
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता,

माँ अगर मैरों पे चलना सिखाती है,
तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है पिता,

कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता,

माँ अगर है मासूम सी लोरी,
तो कभी ना भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता,

कभी हंसी तो कभी अनुशासन है पिता,
कभी मौन तो कभी भाषण है पिता,

माँ अगर घर में रसोई है,
तो चलता है जिससे घर वो राशन है पिता,

कभी ख़्वाब को पूरी करने की जिम्मेदारी है पिता,
कभी आंसुओं में छिपी लाचारी है पिता,

माँ गर बेच सकती है जरुरत पे गहने,
तो जो अपने को बेच दे वो व्यापारी है पिता,

“कभी हंसी और खुशी का मेला है पिता,
कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता,

माँ तो कह देती है अपने दिल की बात,
सब कुछ समेत के आसमान सा फैला है पिता।

धन्यवाद |

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