Hindi Poem मँजिले बड़ी जिद्दी होती हैं, हासिल कहाँ नसीब से

HIndi Poem मँजिले बड़ी जिद्दी होती हैं,

हासिल कहाँ नसीब से होती हैं

मगर वहाँ तूफान भी हा जाते हैं,

जहाँ कश्तियाँ जि पर होती हैं

भरोसा “ ईश्वर ” पर है, तो जो लिखा है तदीर में,

वो ही पागे

मगर, भरोसा अगर “ खुद ” पर है,

तो ईश्वर वही लिखेगा, जो आप चाहोगे

जो बिना ठोकर खाए मंजिल तक पहुंच जाते हैं,

उनके हाथ अनुभव से खाली रह जाते हैं।

जो मनुष्य अपने बुरे समय में भी अपने कामों में लगा रहता है,

उसके लिए बुरा समय भी च्छे सम में बदल जाता है।

अगर कठिन समय आए,

तो ये सोचिए की अच्छाय आपके लिए इंतजार कर रहा है।

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