Hindi poetry (हिंदी शायरी) काश की हम मिलते ही नहीं, दिल में इश्क़ के

हिंदी शायरी काश की हम मिलते ही नहीं
दिल में इश्क़ के फूल खिलते ही नहीं ,

र्द हमे मिलता ही नहीं, काश की तुझसे
ये नाजुक सा दिल लगता ही नहीं ,

आंखें सूख सी गई है तेरे इंतज़ार में
काश की ये आंखें तुझसे ड़ती ही नहीं

बाते करने को बहुत से लोग थे
काश की तुझसे बातें करते ही नहीं ,

तो घाव दिल पर इतने गहरे
लगते ही नहीं

2. प्यार नज़रो में आना नही चाहिए,
रोज़ मिलना मिलाना नही चाहिए,

लोग पागल समझने लगेंगे तुम्हे,
रात दिन मुस्कुराना नही चाहिए,

बारिशों के इरादे खतरनाख है,
अब पतंगे उड़ाना नहीं चाहिए…

मेने ये सोच कर दे दिया दिल उसे,
दिल किसीका दुखाना नहीं चाहिए…

एक कमले में अंजुम कटे जिंदगी,
हर जगह गुल खिलाना नहीं चाहिए..

3. तू कभी बिछड़ा नहीं और तू मिला भी नहीं
पर मुझे तुझसे कोई शिकवा नहीं, ग़िला भी नहीं..

तू भले मुझसे ख़फ़ा है और तू दूर भी है.
मगर तुझसे ऐ दोस्त दिल को फ़ासला भी नहीं..

मै कैसे दिखलाऊं तुझको दिल की सच्चाई.
एक अरसे से तू मुझसे गले मिला भी नहीं..

वो एक वक़्त था जब दिल से दिल मिले थे यहाँ
ये एक वक़्त है बातों का सिलसिला भी नहीं..

तू मुझे कुछ समझ मुझको तो तुझसे प्यार है दोस्त
तुझ सा कोई ढ़ूंढ़ा नहीं और मिला भी नहीं

मुझे पता है मुझ में लाख कमी हैं शायद.
ये बेरुख़ी मगर दोस्ती का सिला भी नहीं

कभी कभी मुझे लगता है कि भूल जाँऊं तुझे
मगर ये सच है मुझमें भूलने का हौंसला भी नहीं

तू खुश रहे ये दुआ मैं तेरी कसम रोज़ करती हूँ.
और अपने ग़म का मुझे अब कोई ग़िला भी नहीं

बस इक उम्मीद है तुझ को गले लगाऊँ कभी
कि वो एहसास मुझे फ़िर कहीं मिला भी नहीं..

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