Hindi Story – हिंदी कहानी – कभी हार ना माने – एक दिन दीपक

Hindi Story – हिंदी कहानी – कभी हार ना माने 

क दिन दीपक अपनी ज़िंदगी से परेशान होकर त्महत्या करने का मन बना लिया। उसको ओर जीने का कोई मतलब नहीं दिख रहा था।

उस आदमी ने लास्ट बार भगवान् से बात करने की ठानी।

CHAIRMAN amp; MANAGING DIRECTOR

सने भगवान् से पूछा, ” प्यारे भगवान, मुझे कोई एक अच्छा सा कारण बता सकते हो त्महत्या नहीं करने का”
भगवान ने जवाब दिया, “अपने आसपास देखो। क्या तुम घास ओर बांस को देख रहे हो?”

“जी, बिलकुल देख रहा हूँ” दीपक बोला।

भगवान् बोले, “जब मेने घास ओर बांस के बीज बोये थे, मेने उनकी बड़ी देखभाल की।

मैने प्रकाश दिया। मैने पानी सींचा।

घास बहुत जल्दी जमीन से निकल कर बढ़ने लगी, ओर जल्दी ही जमीन को हरी भरी कर दिया |

लेकिन बांस के बीज से अभी कुछ भी नहीं निकला। फिर भी मैने उस पर हार नहीं मानी। में लगातार पानी देता रहा।

दूसरे साल घास बहुत ही अच्छी ओर भरपूर हो गई। लेकिन बांस के बीज से कुछ नहीं निकला। मेने फिर भी उस पर हार नहीं मानी।

तीसरे साल भी बांस के बीज से कुछ नहीं निकला।

तभी चौथे साल जमीन से एक छोटा अंकुर उभरा। घास के मुकाबले ये कुछ भी नहीं था, यानि की ये बहुत छोटा था।
लेकिन सिर्फ 6 महीनो में बांस 100 फ़ीट तक लम्बा हो गया।

इसने अपनी जड़ो को फैलाने ओर मजबूत बनाने में 3 साल लगाए। इन जड़ो ने बांस को मजबूत बनाया ओर वो दिया जो इसको जीवित रहने के लिए जरुरी था।”

गवान ने आगे ओर कहा, “प्यारे बालक, में अपने किसी भी जीव को या रचना को इतनी चुनोतिया ही देता हूँ जो वो सहन कर पाए।“

“क्या तुम जानते हो, अभी जो भी तुम चुनोतियो का सामना कर रहे हो, वो वास्तव में तुम्हे अपनी ड़ो को मजबूत करने के लिए हैं।“

“मैने जिस प्रकार बांस की देखभाल नहीं छोड़ी, उसी प्रकार में तुमको भी केला  नहीं छोडूंगा।“

“अपने आप की किसी से तुलना मत करो। बांस का घास की तुलना में एक अलग उद्देश्य हैं। फिर भी वे दोनों जंगल को सुंदर बनाते हैं।“

“तुम्हारा समय भी आने वाला हैं और मुझे पता हैं यह जरूर आएगा। तुम बहुत पर उठोगे”, भगवान् ने दीपक  से कहा।

“कितना ऊपर में उठ सकता हूँ” उस दीपक  ने पूछा।

“जितना तुम चाहो उतना। और महान बनके मेरी शोभा बढ़ाओ।” भगवान् ने कहा।

दीपक  वापस आ गया। और दुगुने त्साह के साथ अपनीड़े मझबूत करके महान  बन गया।

कभी हार नहीं माने…कभी नहीं…कभी भी नहीं।
याद रखे श्वर हमेशा हमारे साथ हैं।

दास होने के लिए उम्र पड़ी है,_
नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,

 अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना
क्योंकि हमारी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पडी है |

By Dayanand Sir Alias Deepak Sir

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