Love Shayari Hindi Sayari शहर से निकले, फिर घर गए  उनके लिए हम

 Love Shayari Hindi Sayari  

शहर से निकले, फिर घर गए
उनके लिए हम, ये क्या कर गए

यार हम ऐसे जिए है,उनके लिए
जैसे वही हम, जीते जी मर गए

रकीब के साथ हो,आंखों में शर्म
जब देखा ही नहीं तो,क्यों डर गए

कुछ दरियाओ में पत्थर फेंके हमने
कुछ दरिया मेरी, आंख में भर गए

उसके सजदे में, झुकना ही पड़ेगा
जो कहीं उठ गए,तो सीधा सर गए

जब सही से मिलना, हुआ हमारा
हम उसी रात को,उससे बिछड़ गए

अब हिम्मत नहीं, बनाने की मुझमें
जो बनाए वो,आशियाने उजड़ गए

पिंजरा खाली नहीं है,यादें हैं इसमें
पंछियों के पर नहीं कटे,तो उड़ गए

तुम्हारा दिल तो,तोड़ा था ना हमने
फिर ये तुम्हारे दिल, कैसे जुड़ गए |

 Love Shayari Hindi Sayari

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है
तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है

मैं उस को अपनी वहशत तोहफ़े में दूँ
हाथ उठाए जिस ने सहरा देखा है

बिन देखे उस की तस्वीर बना लूँगा
आज तो मैं ने उस को इतना देखा है

एक नज़र में मंज़र कब खुलते हैं दोस्त
तू ने देखा भी है तो क्या देखा है

इश्क़ में बंदा मर भी सकता है मैं ने
दिल की दस्तावेज़ में लिखा देखा है

मैं तो आँखें देख के ही बतला दूँगा
तुम में से किस किस ने दरिया देखा है

आगे सीधे हाथ पे एक तराई है
मैं ने पहले भी ये रस्ता देखा है

तुम को तो इस बाग़ का नाम पता होगा
तुम ने तो इस शहर का नक़्शा देखा है |

 Love Shayari Hindi Sayari

एक और ख्वाहिश अधूरी रह गई
बस अब उसकी याद ही रह गई

मैं नहीं रह सकता था उसके बिना
ये बात जानकर वो अलविदा कह गई

कोई उम्मीद किसी से कैसे लगाएं हम
अब और दर्दों का बोझ कैसे उठाएं हम

अब आग से हमे नहीं लगता है डर
कुछ शोले हथेली पर उगए है हम

जब नहीं रहा कोई अपना सनम
तो बताओ क्यों कोई खुशी मनाए हम

इतने दर्द सह कर भी हम अब तक जिंदा है
चलो अब कोई जहरीला जहर खाएं हम

यहां सब लोग तो हमें आजमाने आते हैं
आप ही बताओ किसको आजमाएं हम

कहती हो उदास चेहरा पसंद नहीं तुम्हारा
बताओ क्या खुशी है क्यों मुस्कुराया हम

हर बात पर गलती भैरव की ही होती है
बताओ मोहतरमा अब क्या मर जाएं हम |

धन्यवाद |

Posts by category

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *