My Lifeline कौन कहता है कि बुने हुए ख्वाब सच्चे नहीं होते, मंजिलें उन्हीं को

My Lifeline कौन कहता है कि बुने हुए ख्वाब च्चे नहीं होते,
मंजिलें उन्हीं को नहीं मिलती जिनके रादे अच्छे नहीं होते,
रूखी-सूखी रोटी और धक्के तो बहुत खाए हैं जिंदगी में
लेकिन आज देख रहा हूँ कि फलता के फल कभी च्चे नहीं होते |

CHAIRMAN amp; MANAGING DIRECTOR

इंसान ने वक्त से पूछा…..
मैं हार क्यूं जाता हूँ ?
क्त ने कहा…
धूप हो या छाव हो,
काली रात हो या रसात हो,
मैं हर वक्त चलता रहता हूँ,
इसलिए मैं जीत जाता हूँ,
तू भी मेरे साथ चल,
कभी नहीं हारेगा……
ऊँचे ख्वाबों के लिए |

Bihari Sir News CEO Dayanand Sir

गीता सार

जो हुआ अच्छा हुआ जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है । जो होंगा वह भी च्छा ही होंगा। तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो । तुम क्या लाये थे जो तुमने खो दिया ? तुमने क्या पैदा किया जो नष्ट हो गया ? तुमने जो लिया ही से लिया ।
जो दिया ही पर दिया ।

जो आज तुम्हारा है,
ल किसी और का था, रसो किसी और का हो जायेंगा । रिवर्तन संसार का नियम है । 

इसे स्वीकार करें।

र सुबह हमारा नया न्‍म होता है, हम ज क्‍या करते हैं सिर्फ यही मायने रखता हैं
  “If there is no struggle, there is no progress.” 

 एक ही लक्ष्य By Dayanand Sir

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