Petrol Diesel Price रूस-यूक्रेन संकट में पेट्रोल-डीजल के दाम

Petrol Diesel Price रूस-यूक्रेन संकट में पेट्रोल-डीजल के दाम नुकसान की भरपाई के लिए 12 रुपये बढ़ाने होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, घरेलू कंपनियों का बढ़ रहा घाटा 

सार

यूपी में चल रहे विधानसभा चुनाव के कारण भारत में चार महीने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इस कारण से ही घरेलू तेल कंपनियों का घाटा बढ़ रहा है। इधर, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। ऐसे में चुनाव खत्म होने के बाद इस संकट का असर पेट्रोल-डीजल के दामों पर दिखाई दे सकता है।

पेट्रोल-डीजल के दाम
पेट्रोल-डीजल के दाम – फोटो अमर उजाला

विस्तार

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। इसके बावजूद पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की वजह से भारतीय बाजार में चार महीनों से पेट्रोल और डीजल (ईंधन) के दाम नहीं बढ़े हैं।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण सरकार के स्वामित्व वाले खुदरा तेल विक्रेताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा है। घरेलू तेल कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए 16 मार्च, 2024 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें 12.1 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होंगी। मार्जिन (लाभ) को भी जोड़ लें तो उन्हें 15.1 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ाने होंगे।

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