Hindi Poetry (हिंदी शायरी) उससे कह दो की मेरी सज़ा कुछ कम कर दे, हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं, बस गलती से इश्क हुआ था । लगा कर आग…
Hindi Poetry (हिंदी शायरी) उससे कह दो की मेरी सज़ा कुछ कम कर दे, हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं, बस गलती से इश्क हुआ था । लगा कर आग…