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बाइडन प्रशासन में पहली एयरस्‍ट्राइक, पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित आतंकियों पर अमेरिका ने बरसाए बम |

अमेरिका ने सीरिया में की जबरदस्‍त एयरस्‍ट्राइकअमेरिका ने पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित आतंकियों के ठिकानों पर जबरदस्‍त बमबारी की है। अमेरिका की ये एयरस्‍ट्राइक इस माह इराक में अमेरिकी जवानों और राजनयिकों के घरों पर हुए हमले के जवाब में की गई है।

अमेरिक ने पूर्वी सीरिया में आतंकियों के ठिकाने पर एयरस्‍ट्राइक की है। इसका आदेश अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन दिया था। अपने आदेश में उन्‍होंने पूर्वी सीरिया में स्थित ईरान समर्थित आतंकियों पर सीमित एयरस्‍ट्राइक करने को कहा था। ये फैसला हाल ही में इराक में अमेरिकी सेना के जवानों को निशाने बनाए जाने के बाद लिया गया।

हालांकि बाइडन ने हमले की कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश केवल सीरिया के लिए ही दिए थे। बाइडन ने अपने आदेश में ईरानी आतंकियों के उन ठिकानों पर एयरस्‍ट्राइक करने को कहा है जिसका उपयोग वो संभावित तौर पर करते हैं। इसकी जानकारी पेंटागन के प्रवक्‍ता जॉन क्रिबी ने दी है। आपको बता दें कि बाइडन प्रशासन में ये पहली एयरस्‍ट्राइक थी। 

क्रिबी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि राष्‍ट्रपति बाइडन अपने जवानों और अपने साथी लोगों के जीवन की रक्षा के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि राष्‍ट्रपति बाइडन सीरिया और इराक में हालात खराब नहीं होने देना चाहते हैं। जहां तक अमेरिकी एयरस्‍ट्राइक की बात है तो ये बॉर्डर कंट्रोल पर मौजूद ईरानी आतंकियों के ठिकानों प ही की गई।

ये सभी ठिकाने कताइब हिजबुल्‍ला और कताइब सैयद अल शुहादा से संबंधित हैं। क्रिबी ने साफ कर दिया है कि इन हमलों का मकसद आतंकियों को इस बात का संदेश देना है कि वो उन्‍हें उनकी करतूतों की सजा देना चाहते हैं। इसका मकसद हालात को और अधिक गंभीर बनाना नहीं है।

हालांकि अभी ये साफ नहीं हो सका है कि जिन जगहों पर एयरस्‍ट्राइक की गई है वहां पर कितने आतंकी ढेर हुए हैं। लेकिन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि इस एयरस्‍ट्राइक में 17 ईरानी समर्थित आतंकवादी मारे गए। आपको बता दें कि इस इलाके में अमेरिका ने पहले भी कई बार एयरस्‍ट्राइक को अंजाम दिया है।

इराक में अमेरिकी जवानों पर हमला उस वक्‍त किया गया जब ईरान के लिए परमाणु संधि पर दोबारा लौटने के लिए रास्‍ते तलाशे जा रहे थे। वर्ष 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान हुई इस संधि को राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने बेकार बताते हुए खारिज कर दिया था और वो संधि से बाहर आ गए थे। इसके बाद ईरान ने भी संधि से अपना नाता तोड़ लिया था।

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