Hindi Poem कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी, कभी

Hindi Poem कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी,

कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।

न पूर्ण विराम सु में,

न पूर्ण विराम दुःख में,

बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी।

प्या की डोर सजाये रखो,

दि को दिल से मिलाये रखो,

क्या लेकर जाना है साथ मे इस दुनिया से,

मीठे बोल और अच्छे व्यहार से रिश्तों को बनाए रखो

मंजिल दूर हो तुम फिर भी रुकना नहीं,

हालातो से र के तुम कभी झुकना नहीं

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