True love story जो कहते थे कि हम तुम्हारे बिना एक पल जी ना पाएंगे,
ना ही किसी से दोबारा दिल लगा पाएंगे, पर
किसको क्या पता था कि एक दिन वो ही हमें, छोड़ कर
दूसरे के साथ खुशी से जिंदगी जी रहे होंगे, जो
कहते थे जिस दिन हमने तुम्हें छोड़ा, उस दिन
हम इस दुनिया को ही छोड़ जायेंगे।
मगर उन्हे क्या पता की हमे
प्यार कल भी था, प्यार आज भी है, मगर
अफ़सोस इस बात का है की तुम मेरी जिंदगी बर्बाद करके
इस तरह बदल जायगी हमें पता नहीं था, मगर
अब गिरते हुए को अब ऊपर वाला ने थामा है, और
अब आसमान को भी छू जाना है, शायद
ये बात उन्हे पता न था |
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एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो, दीपक बाबू
6 महिने टेंशन, दश हजार इधर, दश हजार उधर, दश हजार जिधर तिधर
और अभी पता भी नहीं है की क्या होगा किधर किधर |
बस यही दो मसले, ज़िन्दगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए,
वक़्त ने कहा…..काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा….काश थोड़ा और वक़्त होता
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह..
इश्क़ में मेरा इस कदर टूटना तो लाजमी था,
काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
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सीने में जलन, आँखों में तूफ़ान-सा क्यों है,
इस शहर में हर शख़्स परेशा न-सा क्यों है,
दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँढे,
पत्थर की तरह बेहिस-ओ-बेजान-सा क्यों है,
तन्हाई की ये कौन-सी मंज़िल है रफ़ीक़ो,
ता-हद्द-ए-नज़र एक बियाबान-सा क्यों है,
हमने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की,
वो ज़ूद-ए-पशेमान, परेशान-सा क्यों है,
क्या कोई नई बात नज़र आती है हममें,
आईना हमें देख के हैरान-सा क्यों है।
By Dayanand Sir Alias Deepak Sir